Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2022 · 1 min read

💐 माये नि माये 💐

डॉ अरूण कुमार शास्त्री 💐 एक अबोध बालक💐 अरुण अतृप्त
💐माये नि माये 💐

आगाज़ कर रहा हूँ , तेरी हसरतों से माँ
मैं जब भी घर से निकला , मुझे तूने दी दुआ ।।

दुनिया के सफ़र को , जब भी बढ़े कदम
तेरी दुआओं ने है की मेरे लिए बिस्मिल्लाह।।

मैं आदतन ही हरदम रहता हूँ हरकदम बेखबर बेखौफ
मालूम है मुझे ओ माँ तू जहाँ भी होगी करती होगी दुआ ।।

मेरी हर सांस पर है मुझको यकीन इतना
मुझे धूप न सतायेगी मेरी माँ का साया है साथ निकला ।।

पड़े जब कदम मिरे तपती हुई रेत पर
मिरे पाओ न जले ना ही कोई उफ़ ही निकली

मुझको यकीन था मेरी माँ है ठण्डी छाया ।।

आगाज़ कर रहा हूँ , तेरी हसरतों से माँ
मैं जब भी घर से निकला , मुझे तूने दी दुआ ।।

दुनिया के सफ़र को , जब भी बढ़े कदम
तेरी दुआओं ने है की मेरे लिए बिस्मिल्लाह।।

उम्र दराज़ हूँ अब और उम्र भी है हो चली मेरी
तेरी नज़र में रहुंगा पर, मैं मुन्ना, चाहे दाढ़ी सफ़ेद हो ली ।।

दुनिया के अलमों अमान से मैं
जब भी घबराकर देखता हूँ चारों तरफ़ ।।
मुझे तू ही दिखाई देती हैं चौखट से,
आसीस देती , अब तलक ।।

आगाज़ कर रहा हूँ , तेरी हसरतों से माँ
मैं जब भी घर से निकला , मुझे तूने दी दुआ ।।

दुनिया के सफ़र को , जब भी बढ़े कदम
तेरी दुआओं ने है की मेरे लिए बिस्मिल्लाह।।

1 Like · 226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
कहां गए वे शायर?
कहां गए वे शायर?
Shekhar Chandra Mitra
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
तेरी नादाँ समझ को समझा दे अभी मैं ख़ाक हुवा नहीं
'अशांत' शेखर
नित्य प्रार्थना
नित्य प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
सिंहासन पावन करो, लम्बोदर भगवान ।
सिंहासन पावन करो, लम्बोदर भगवान ।
जगदीश शर्मा सहज
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
मैं खंडहर हो गया पर तुम ना मेरी याद से निकले
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुदरत मुझको रंग दे
कुदरत मुझको रंग दे
Gurdeep Saggu
"दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
चाहता है जो
चाहता है जो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नौकरी वाली बीबी
नौकरी वाली बीबी
Rajni kapoor
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/251. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फितरत इंसान की....
फितरत इंसान की....
Tarun Singh Pawar
#दोहा (आस्था)
#दोहा (आस्था)
*Author प्रणय प्रभात*
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
अभिमान
अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अधीर मन
अधीर मन
manisha
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
ज़ख़्म गहरा है सब्र से काम लेना है,
Phool gufran
जीवन के हर युद्ध को,
जीवन के हर युद्ध को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
क्या हुआ गर नहीं हुआ, पूरा कोई एक सपना
gurudeenverma198
Loading...