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5 Mar 2022 · 1 min read

?? कन्याएं आज कल की ??

?? कन्याएं आज कल की ??

डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक ?? अरुण अतृप्त

ये कविता मैं अस्पताल में
बैठे बैठे लिख रहा हूँ

मेरी सभी देख भाल
मेरी बच्ची ने की

इसलिए उसके लिए
मैं मेरे मन के
उद्गार लिख रहा हूँ ।।

मेरी बच्ची देखो देखो
है कितनी शैतान ये बच्ची

कोमल कोमल भाव हैं इसके
सुंदर सुंदर सपन हैं इसके

पापा की है प्यारी बच्ची

जल्दी जल्दी रूठ है जाती
मान भी जाती उससे जल्दी

काम कुशलता से निबटाती
लिखी पढ़ी है ज्ञान की सच्ची

जिम्मेदारी सभी निभा ती
कहीं चूक न कोई दिखाती

मेरा सहारा मेरा मान
मेरी सहायक पूरा ध्यान

सभी चीजों पर देना ध्यान
सही तरीके से है निबटाती

दुनिया भर के हैं जो भी काम

मेरी बच्ची देखो देखो
है कितनी शैतान ये बच्ची
पापा की है लाडली बच्ची

पढ़ने लिखने में है अव्वल नम्बर
पाये त्योहानो में सम्मान

उसके लिए मैं करू दुआयें
पल पल मांगू मैं प्रभु वरदान ।।

मेरी बच्ची देखो देखो
है कितनी शैतान ये बच्ची

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 1 Comment · 216 Views
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