???????माँ के नाम????????
माँ मेरी माँ बस् एक तू ।
है इस जहाँ में अनमोल तू।।
तेरी सांसों से साँसे मेरी चल रही।
जैसे आजांन मस्ज़िद से है गा रही।।
चन्द सिक्कों के खातिर दूर हो गया।
तेरी यादों को चादर बना सो गया।।
गांव से दूर है अपना शहर।
तेरा मेरा है इतना बीच का सफऱ।।
न कोई सुबह न कोई शाम है।
माँ तेरे बिन अधूरे मेरे ख्वाव है।।
बन गयी बोझ जो उम्र कटती नही।
पाके आँचल तेरा आस लगती नयी।।
मेरे सपनों का दरिया कहाँ अब रहा।
जब चाहे डूबा और तैरता ही रहा।।
गीत गजलों में माँ का ही चहरा दिखा।
जिंदगी भर जिसे गुनगुनाता रहा।।
By सनातन द्विवेदी