💐💐💐तेरे बिन गीत अधूरे हैं💐💐💐
तेरे बिन गीत अधूरे हैं,
हवाएँ जो बह रहीं हैं,
सुनाई दें पक्षियों के कलरव,
ठहरकर मन भी सोचे है,
न दिखाई दे किसी में अपनापन,
अभी सपने न पूरे हैं,
तेरे बिन गीत अधूरे हैं।।1।।
निगाहें खोजतीं हर दम,
कहीं पर तो दिखाई दो,
यह कैसा जज़्ब है तेरा,
शब्द के रूप में सुनाई दो,
सदा वादे ही करते रहना,
कहूँ कैसे,कब वे पूरे हैं,
तेरे बिन गीत अधूरे हैं।।2।।
चलती रहेंगी यह लहरें जीवन की,
बैठा हूँ अकेला जीवन की नैया पर,
तुम्हारा आना है न जाना है,
इतने भी न खुदगर्ज़ बन,
कब तक अकेले यही सोचूँ,
हाँ, अभी सपने न पूरे हैं,
तेरे बिन गीत अधूरे हैं।।3।।
©अभिषेक: पाराशर: