Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2022 · 2 min read

💐प्रेम की राह पर-32💐

14-किसी सुभाषित की सुभाषा को अपने अन्दर मौक्तिक के रूप में ग्रहण करना उसकी अप्रतिम माला को पिरो लेना कितना ही प्रभावी हो यदि उस माला से मानवता का जप किया जाए।तो निश्चित ही उसका तात्पर्य सफल होगा।यद्यपि यह इतना सुकर नहीं है परन्तु मानवता को साथ लेकर संकल्प पथ पर इसका वाचन किया जाए तो यह उस मार्ग की ओर संकेत अवश्य करेगा जहाँ से प्रेम गलियाँ अपने यात्री की धैर्य से प्रतीक्षा करती हैं।वे शांति से उसका धन्यवाद भी करती हैं।उन गलियों की यात्रा चाहे वह संक्षिप्त हो या दीर्घ हो यदि उसके पथिक सफल होतें है तो उन्हें वह साधुवाद भी देतीं हैं।यदि जीवन भी पथिकों द्वारा सादगी और सहूलियत के साथ जिया जाता है तो वे उन्हें उस विवाद से भी दूर रखती हैं कि वे पथिक सफल नहीं हो सके।चहुँ ओर घटित होने वाले विराट यज्ञ का सबसे बड़ा गवाह मानव है। जिसे वह अपनी नग्न आँखों से इस संसार की प्रकृति के रूप में सर्वत्र देखता है।जहाँ वह अधिक देखता है तो निश्चित ही उसका वहाँ कोई न कोई प्रयोजन अवश्य होता है।बुराई या अच्छाई दोनों में संलिप्त भी हो सकता है या फिर तटस्थ भी रह सकता है।सर्वदा कुछ विशेष तथ्यों के साथ उन पहलुओं को भी जो उसके साथ अग्र-पश्च घटी विविध घटनाओं से संकलित किये होते हैं,को भी अपने हृदय की तराजू पर शनै:-शनै: तौलता है।फिर अपने ज्ञान की तराजू से स्थान-स्थान की प्रमुखता को देखते हुए बंटित करता है।इसमें उसका प्रेम भी अपनी योग्यता के अनुसार छिपा रहता है।जिसकी प्रस्तुति वह परिस्थिति विशेष में सत्वर भावना से करता है।हे मित्र!तुम्हारी इस तरह की भावनाएँ कहाँ खो गईं।कहाँ खो गई वह आह्लाद देने वाली अधरों की लहरें।किन कारणों से इस तरह शांन्ति का अंगीकार कर लिया है।कहाँ छिपे हुए हो।अपनी उस प्रतिभा को लेकर जो केवल और केवल तुम्हारी ही है।सुतराँ तुम विक्षिप्त चित्त तो नहीं हो कहीं जिसमें सदैव अनर्गल संवाद का उदय ही होता है।तुम्हारी रचना दक्षता का भाषिक प्रमाण तुम ही हो। जिसे मैं ही समझ सकता हूँ।तुम उज्ज्वल चरित्र की प्रतिमा तो हो इसका प्रमाण तुम्हारे उत्तर देने की अंतिम शैली से ज्ञात उसी समय हो गया था।परन्तु तुमने अपने नायिका तत्व को किसी भी प्रकार से उच्चतम शिखर तक नहीं पहुँचाया।जिस प्रकार तुमने इस गोपनीय संवाद का उद्धरण स्थान स्थान पर दे दिया,इससे मेरी बहुत बड़ी हानि हुई है। उन सब बातों को बताकर तुमसे।क्या मैंने कोई अपराध किया था।विचारों के सम्मेलन में यदि गोपनीयता भंग कर दी गई तो तुम ही इसके लिये जिम्मेदार हो।मैं तो दोषी नहीं।मेरा कपट कहीं तुमने यदि देखा हो तो बताना तुम।कहीं चरित्रहीनता की एक छींट भी देखी हो तो बताना।किसी गलत कृत्य की अफवाह भी सुनी हो तो बताना।फिर अपनी बात की स्वीकारोक्ति के लिए इतना लम्बा इन्तजार तुम कर रहे हो।क्यों।क्या मैं नेपथ्य में चला जाऊँ।बताओ।तुमसे मुझे बदनाम करने के कुछ न हुआ।तुमने ऐसी परिस्थितियों को बना डाला है जो अब मुझे कोसती हैं।धिक्कार है तुम्हें।

©अभिषेक: पाराशरः

Language: Hindi
522 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...