💐प्रेम की राह पर-24💐
22-यदि उत्सर्ग करें तुम्हारे लिए तो भी क्या अंकन करोगे?हमारे उन उत्सर्गों का।वर्षों बीत जाएँगे,रुदन की आहटें आएगीं पर तुम रो भी न सकोगे।अभी का तुम्हारा अट्टहास रहस्यमयी कहानियों में गिना जाएगा।परन्तु इस हेतु से नहीं कि तुमने कोई विशेष कारनामा किया था।तुम्हें विदूषक की तरह व्यवहृत करेंगे लोग और कहेंगे कि यह प्रेम साधिका थीं जो फेसबुक से ही प्रेम करना चाहती थीं।परन्तु अब तुम्हारा रुदन और हास्य बराबर सा ही है मेरे प्रति।चाँद सितारे मुझसे न टूटेंगे तुम्हारे लिए।गुलाब भी कागज़ी ही भेंट करूँगा।यह सब दिखावटी है।पर हाँ, यदि मेरे उद्दात्त प्रेम में कमी नज़र आये तो मेरे हृदय पर सहस्त्र बार करना अपनी शब्द छुरी से।या पिला देना शब्दरूपीविष।वैसे भी तुम अभी तक विषैला ही व्यवहार करते आ रहे हो।कुछ तसल्ली मिल गई होगी तुम्हे।पासवर्ड का कोड भेज कर।चलो तुम्हारी तसल्ली हमारी तसल्ली।तुम भूधर जो ठहरे इस आतंक के।यह भी एक आतंक ही है कि एक भोलेभाले बेचारे मनुष्य को तुम सब अपने तरीके से तकलीफ़ दे रहे हो।कोनू बात नहीं।हम तो बहुत सीधे हैं बेचारे हैं।क्या करें?नितान्त तंगी के रहते सम्बन्धों में मधुरता को तुम्हारे जैसी स्त्रियाँ हमारे जैसे भले पुरूष के जीवन को कटुता में बदल देती है।बिल्कुल रहम ही नहीं है तुम्हारे अन्दर और क्या-क्या तसल्ली चाहिए मुझसे।इस समस्त लेखन को तो तुम अवश्य पढ़ते होगे।पढ़ते रहना ऐसे ही शायद तुम्हारा हृदय पसीज़ जाए ।हाँ, रुदन किया तो तुम्हारी नाक भी पसीजेगी।मैंने कभी भी तुम्हारे शाश्वत विचारों को असभ्य न माना है।गूगल गुरु पर बस डाल दो कित्+नर विमर्श।तुम्हारा नाम एक आशा की तरह प्रकट हो जाता है।मैं पहले ही बता चुका हूँ कि मेरा हृदय,मेरा शरीर और सब कुछ उस करुणा वरुणालय भगवान के यहाँ गिरवी रखा है।पर उनसे प्रार्थना कर हृदय को माँगकर धड़कवा लेते हैं कभी-कभी तुम्हारे लिए।तुम्हारी निष्ठुरता टॉप लेवल वाली है।मुझे परेशान करके ही शान्त होती है तुम्हें।परन्तु इसे भी करके तुम हर्ष को बढ़ाने वाले हो मित्र।पर अब किसी से अपशब्द न कहलवाना।हे मित्र!यह तुम्हारे लिए ही सुने थे।उस समय बहुत निर्लज्ज महशूस कर रहा था।कहाँ गया वैराग्य और कहाँ गया मेरा वह सन्यास पथ।पहली बार घटित हुए इस डिजिटल प्रेम में डिजिटल लात-घूँसे उपसंहार में मिले।यह भी डिजिटल इण्डिया में अपनी तरह की पहली पहल थी।यह पहल मैंने की थी।परं अपशब्दों के लात-घूँसे तुमने भी दिए।इतने घटिया विचार नहीं हैं हमारे कि तुम्हारे उक्त कृत्य के प्रति महाईर्ष्या और विद्वेष भी प्रकट हो।नहीं बिल्कुल नहीं।यदि इस काम में सफलता का परचम नहीं चूमा तो तुम्हें बहिन जी कहना पड़ेगा😁(बाद की बात है) और तुम भी कहलवा देना अपने भविष्य की संतति से यह हैं तुम्हारे यशस्वी मामा जी😂😂😂।क्योंकि तुमसे अभी तक रायता फैलाने के अलावा कुछ न हुआ है।आज फेसबुक कोड फिर भेजना अपनी दक्षता सिद्ध करने के लिए।नहीं तो मैं तुम्हें महामूर्ख समझूँगा।पगलू।
©अभिषेक: पाराशर: