?चले हम ?
आपको आपके परिवार को नये वर्ष की असीम शुभकामनाये।।।।
चले हम ?
नाराज़ सी ज़िंदगी को मनाने चले हम,,
हर गैर को भी अपना बनाने चले हम,,
ये फ़ासले है जो कम नही होते,,
इन्ही दूरीयों को सदा मिटाने चले हम,,
वक़्त हर ज़ख़्म को भर देता है सुना है मैंने,,
उस सुहाने वक़्त 2017 को लिवाने चले हम,,
मेरी आशिकी पर क्या सितम हुआ ज़माने का,,
खुद मनु अपने आपको मिटाने चले हम,,
✍मानक लाल मनु,,,,
सरस्वती साहित्य पारिसद सालीचौका,,,,
सहायक अध्यापक ps ढींगसरा।