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21 Jun 2022 · 1 min read

💐आत्मा स्वयमेव परमात्मानः अंश:💐

आत्मा स्वयमेव परमात्मानः अंश: च शरीर: संसारस्य।शरीरस्य संसारेण सह एकता।अतः शरीरं संसारस्य मत्वा एतस्य सेवायां नियोजयति।शरीरं प्रति भवन्तः कदापि सुखी न भवितुं शक्नोति।शरीरस्य माध्यमेन अन्यान् जनान् सुख: ददातु,अन्यान् जनान् सम्मानं ददातु।भवन्तः परमात्मनः स्यात् संसारस्य न।भवन्तं समया कियत् सामग्री अस्ति,सर्वे संसारस्य कृते।सम्पूर्णं संसारं मिलित्वा अपि असत् ।स्वयमेव सत्।असत्’इत्येन सत्’इतिं किं सहायता मिलिष्यति?

©®अभिषेक: पाराशरः

Language: Sanskrit
115 Views
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