== मां सरस्वती तेरी जय==

तू ही स्वर की दाता है,
तू ही वर्णों की ज्ञाता।
तू ही है मां बुद्धि विधाता,
तू वाणी की अधिष्ठात्री।
तू ही भोर तू ही रात्रि,
तेरे आगे नवाते शीष।
हे वीणा वादिनी मां,
दे दे हमें अपना आशीष।
—रंजना माथुर दिनांक 05/10/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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