?अयोध्या में दीवाली ?
हुआ-हुआ खुशियों का सवेरा
बीत गयी रात तम की काली
सिया राम के पड़े शुभ चरण
हुई नगरिया में खुशहाली
दीप जल उठे जगमग-जगमग
हुई अयोध्या में दीवाली।
नष्ट हुए सब दुष्ट, असुर, दानव
खुशियां मनाते सुर, नर और मानव
अब तो रात अमावस की भी
देखो लग रही है उजियाली
दीप जल उठे जगमग-जगमग
हुई अयोध्या में दीवाली।
खुश हैं दशरथ, प्रफुल्लित कौशल्या
दुल्हन सी सजी नगरी अयोध्या
बज रहे ढोल गा रहे बधाइयाँ
घर घर देखो बंट रही मिठाईयाँ
देखो नगरिया सज रही निराली
दीप जल उठे जगमग-जगमग
हुई अयोध्या में दीवाली।
—-रंजना माथुर दिनांक 08/10/2
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मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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