? माँ तुझे नमन ?
तू इस धरा पर बिखरा अप्रतिम प्यार है।
तेरी ममता की छाया में पला संसार है।
मेरी रग-रग में बसा तेरा दुलार है।
तेरी बांहों में समाई हुई है सारी सृष्टि।
तेरे चरणों के तले बसा मेरा संसार है।
आज मैं सीमा प्रहरी बन कर खड़ा हूँ।
माँ यह तेरा दिया गया ही सुसंस्कार है।
कि जिसने जागृत किया है मेरे हृदय में भारत माँ के लिए असीम अगाध प्यार है।
आज मैं सीमा प्रहरी बन कर खड़ा हूँ।
माँ मेरा तुझको प्यारा-सा आभार है।
दूर हो कर भी माँ कहाँ हूँ मैं दूर तुझसे
दूर हो कर भी दिल का जुड़ा तार है।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान)
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना