卐☆ लेखक ☆卐
लेखक !
समाज का दंश
जीवन की विसंगतियां
मन की अंतस में
पैठी पीड़ाओं को
उकेरता है –
लेखनी से ,
परंतु !
आलोचना – समालोचना,
सुखद स्वप्नों की तलाश में
उसकी अपनी आकांक्षा ,
इन सभी के बीच में
वह है कहाँ ?
स्वयं नही जानता !
लेखक !
समाज का दंश
जीवन की विसंगतियां
मन की अंतस में
पैठी पीड़ाओं को
उकेरता है –
लेखनी से ,
परंतु !
आलोचना – समालोचना,
सुखद स्वप्नों की तलाश में
उसकी अपनी आकांक्षा ,
इन सभी के बीच में
वह है कहाँ ?
स्वयं नही जानता !