Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2020 · 1 min read

*~~【【◆तितर-बितर◆】】~~*

~~【【◆तितर-बितर◆】】~~

*तितर-बितर हुए पड़े हैं अल्फ़ाज़ लोगों के,
ईष्या क्रोध में जल रहे एहसास लोगों के.*

*कौन सुने किसी की तारीफ,खुद खुदा से
ऊपर लगते हैं आजकल जज़्बात लोगों के।*

*अकड़ का दामन आसमान तक फैला रखा,
नही अहमियत राख हुए पड़े संस्कार लोगों के.*

*नर नारी सब असभ्य हुए,आरोप प्रत्यारोप में
होकर पागल,एक दूसरे को नोचते आ रहे पंडाल
लोगों के।*

*मर्यादा नही अब किसी साहित्य में,विनम्र नही
कोई,लिखने बैठे हैं किस्से सारे चांडाल लोगों के।*

*शायरी,कवितायों का सहारा तो यूहीं ले रखा,कईं
तो डूबे रंगीन मिज़ाजी में,कई अपने मुँह ही बने हैं
कप्तान लोगों के।*

*भईया सब्र संतोष में ही जियो,ये कलम का मुँह
युहीं नही काला,मेरे दोस्त बहुत जला दिए इसने
गुमान लोगों के।*

*कौन क्या करता अमन तूने क्या लेना,छोड़ ये ज़माने
की भीड़,ये तो तमाशबीनों का शहर है,जानता हूँ तू
क़ातिल है,खुद में ही रह मस्त, क्यों हिला रहा तू ज़ालिम
आज इस बस्ती में मकान लोगों के।*

Language: Hindi
7 Likes · 2 Comments · 290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
भारत चाँद पर छाया हैं…
भारत चाँद पर छाया हैं…
शांतिलाल सोनी
छत्तीसगढ़ी हाइकु
छत्तीसगढ़ी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*तुम  हुए ना हमारे*
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आकाश मेरे ऊपर
आकाश मेरे ऊपर
Shweta Soni
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★फसल किसान की जान हिंदुस्तान की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
पूर्वार्थ
कृषि पर्व वैशाखी....
कृषि पर्व वैशाखी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ मुक्तक-
■ मुक्तक-
*Author प्रणय प्रभात*
सुनो सखी !
सुनो सखी !
Manju sagar
💐प्रेम कौतुक-476💐
💐प्रेम कौतुक-476💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रूपेश को मिला
रूपेश को मिला "बेस्ट राईटर ऑफ द वीक सम्मान- 2023"
रुपेश कुमार
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
प्रभु जी हम पर कृपा करो
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
2615.पूर्णिका
2615.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
माँ ( कुंडलिया )*
माँ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"काल-कोठरी"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम हासिल ही हो जाओ
तुम हासिल ही हो जाओ
हिमांशु Kulshrestha
Hajipur
Hajipur
Hajipur
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
धुँधलाती इक साँझ को, उड़ा परिन्दा ,हाय !
धुँधलाती इक साँझ को, उड़ा परिन्दा ,हाय !
Pakhi Jain
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
हर सुबह जन्म लेकर,रात को खत्म हो जाती हूं
Pramila sultan
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
आप लोग अभी से जानवरों की सही पहचान के लिए
शेखर सिंह
सच तो आज न हम न तुम हो
सच तो आज न हम न तुम हो
Neeraj Agarwal
चलो♥️
चलो♥️
Srishty Bansal
Loading...