✍️वो क्यूँ जला करे.?✍️
✍️वो क्यूँ जला करे.?✍️
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जब डालियों से वो झुला करे..
ये दिल भी फूल सा खिला करे..
सोचा कोई हसींन ख़्वाब देखे..
टूट जाये,चाहे वो हमें भुला करे..
है तन्हा होने का गम बहोत,चलो
कुछ पल धुप में भी चला करे..
कोई हमसफर दूर तक ना चले
तब अपने साये से भी मिला करे..
खुद से खो जाने का डर गहराये
तब आईने से भी कुछ गिला करे..
बसे बसाये घर को उजाड़े कोई..
उस पत्थरदिल का खुदा भला करे
लूटकर ले गये है दिल में बसी यादे
मेरी ख़ुशी को देख वो क्यूँ जला करे..?
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✍️”अशांत”शेखर✍️
01/07/2022