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10 Aug 2022 · 1 min read

✍️मंजूर-ए-खुदा✍️

✍️मंजूर-ए-खुदा✍️
……………………………………//
सब्र भी मंजूर-ए-खुदा था
तो वो दो प्यार भरे दिल
तेरी इबादत से क्यूँ बिछड़ गये..?
……………………………………//
©✍️’अशांत’शेखर✍️
10/08/2022

3 Likes · 7 Comments · 207 Views
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