Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Aug 2022 · 1 min read

✍️पढ़ रही हूं ✍️

मशरूफ सी हूँ उलझे से ख्यालातों में,
नींद को बस में किये जाग रही हुँ रातों में,
ये इश्क नहीं इसे इश्क़ न समझना,
पढ़ रही हुँ गुम हुँ कहीं किताबों में।

✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी

Language: Hindi
11 Likes · 8 Comments · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक कतरा प्यार
एक कतरा प्यार
Srishty Bansal
शीर्षक – वह दूब सी
शीर्षक – वह दूब सी
Manju sagar
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
भ्रम
भ्रम
Shyam Sundar Subramanian
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
3269.*पूर्णिका*
3269.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
Anis Shah
ओ मेरे गणपति महेश
ओ मेरे गणपति महेश
Swami Ganganiya
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
” सबको गीत सुनाना है “
” सबको गीत सुनाना है “
DrLakshman Jha Parimal
रखो अपेक्षा ये सदा,  लक्ष्य पूर्ण हो जाय
रखो अपेक्षा ये सदा, लक्ष्य पूर्ण हो जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
बेवफाई मुझसे करके तुम
बेवफाई मुझसे करके तुम
gurudeenverma198
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
Dr MusafiR BaithA
"चलना सीखो"
Dr. Kishan tandon kranti
■ कमाल है साहब!!
■ कमाल है साहब!!
*Author प्रणय प्रभात*
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
मसरूफियत बढ़ गई है
मसरूफियत बढ़ गई है
Harminder Kaur
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
Mahendra Narayan
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
सुनो
सुनो
पूर्वार्थ
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Sannato me shor bhar de
Sannato me shor bhar de
Sakshi Tripathi
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
*पाया दुर्लभ जन्म यह, मानव-तन वरदान【कुंडलिया】*
*पाया दुर्लभ जन्म यह, मानव-तन वरदान【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...