✍️दो आँखे एक तन्हा ख़्वाब✍️
✍️दो आँखे एक तन्हा ख़्वाब✍️
………………………………………………………//
अपने दर्द,गम,तकलीफ़ में बरकत है
आज आँखों में अज़ीब सी हरकत है
दो आँखे है और एक ही वो ख़्वाब है
किसे बाँटू तन्हा दिल की फ़ज़ीहत है
दोनों ने यहाँ जश्न मनाये मातम सहे..
मेरी हर आदत को उनकी नसीहत है
दोनों के अश्क़ बराबर बहते आये है
कैसे करे फैसला नासाज़ ये तबियत है
इन्होंने देखी है बारूद में ढेर बुनियादें
मज़हबी तमाशे अब देखना क़यामत है
ये सरिश्त बला से बचाते रहे इँसा को
इनके बसर से ही जिंदगी में रुमानियत है
कमाल है इनके हुनर दुनिया को बसाने के
ऐशोआराम में है जहाँ,इनकी काबिलियत है
इनकी आँखों में ऐब है उनके आँखों में शर्म
निगहबाँ हो मुहब्बत की यही तो खासियत है
‘अशांत’अच्छा है एक आँख में सपने समाये
वर्ना दुजे की अँधेरो से रही हमेशा शिकायत है
…………………………………………………………………//
✍️”अशांत”शेखर✍️
07/07/2022