✍️एक आफ़ताब ही काफी है✍️
✍️एक आफ़ताब ही काफी है✍️
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मजहबी आग सुलगाने
एक हिज़ाब ही काफी है ।
चेहरे पर लगे चेहरे छुपाने
एक नक़ाब ही काफी है ।
सवालो की है उलझने,बस..
एक जवाब ही काफी है ।
किसीकी ख़ुशी को फ़ना करने
एक अज़ाब ही काफी है ।
मुक़म्मल जिंदगी के लिये
एक ख़्वाब ही काफी है।
अकड़े हुए सर को झुकाने
एक आदाब ही काफी है।
इस अंजुमन को अता फर्माने
एक अदीब ही काफी है।
अपने हार का जश्न मनाने
एक रक़ीब ही काफी है।
जहाँ को रोशन करने
एक आफ़ताब ही काफी है ।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
15/06/2022