⛹मेरी बेटी?
⛹मेरी बेटी�?
छन छन करती उसकी पायल मुझको बड़ा लुभाती है।।
जब मेरी प्रॉची बेटी घर आँगन में नन्हे कदम चलाती है।।
सुबहा सुबहा व सबेरे तोतली बोली में,
Goodmornning माँ पापा बुलाती है।।
रोना हँसना बाते बनाना ये नहीं वो नहीं,
तोतले अल्फाजो को सुनकर बड़ी हँसी सी आती है,
बेटी नहीं वरदान है वो मेरे जीवन में,
सरे गम एक पल में झट हर लेती है,
जब गोदी में आकर के पापा पापा बुलाती है।।
नखरे उसके बड़े निराले नटखट बाते,
छोटी बड़ी सभी मुझसे फरियादें,
हम दोनों “विनी मनु” के मन को बहुत लुभाती है।।
?मानक लाल मनु?
सरस्वती साहित्य परिसद।।