♥♡▶ प्रिय पथिक ◀♡♥
जीवन पथ के प्रिय पथिक
तुम भूल न जाना मेरी राहें ,
तुम्हे आलिंगन में लेने को
आतुर हैं ये मेरी बाहें ।
पथरीले जीवन पथ पर
कितने ही राही आयेंगे ,
अपने पैरों के ठोकर से
बस आहत ही कर जायेंगे ,
कोई नही मिलेगा मुझको
जो मेरी घावों को भर दे ,
अंतस मन की वेदना में
प्रेम की गंगा को लहरा दे ,
जीवन पथ के प्रिय पथिक
तुम भूल न जाना मेरी राहें ,
तुम्हे आलिंगन में लेने को
आतुर हैं ये मेरी बाहें ।
मेरे जीवन की बगिया में
फूल खिले कांटो से बिंधकर ,
कोई भक्त भ्रमर बनकर
मधु बना दे मधुप चूसकर ,
मेरा भाग्य नही है ऐसा
बन जाऊँ पूजा की शोभा ,
कोई प्रेमी मुझे गूंथकर
अपने गले का हार बना ले ,
जीवन पथ के प्रिय पथिक
तुम भूल न जाना मेरी राहें ,
तुम्हे आलिंगन में लेने को
आतुर है ये मेरी बाहें ।