★☆ जीवन बोध ☆★
जीवन के इस कठिन डगर पर
वे ही चल पाते हैं ,
दीपक की तरह खुद जलते हैं
औरों को प्रकाश दे जाते हैं ,
कहने को नन्हा दीपक
लौ में कितनी शीतलता है ,
तूफानों सै लड्ने की हिम्मत
आखिर दम तक करता है,
कर्तव्य की बलि – बेदी पर
हँसकर जो मर-मिट जाते हैं
जीवन के इस कठिन डगर पर
वे ही चल पाते हैं ।