☀सुप्रभात☀
☀सुप्रभात☀
सुबह सुबह ये धुप सुनहरी।।
तन की उदासी हरती है।।
मन प्रसन्न तन हर्षित करती है।।
घर आँगन में खुशियां भर्ती है।
सुबह सुबह ये धुप सुनहरी।।
सार आलस तन का हरती है।।
जो जागो तुम सुबह सुबह तो,
निरोगी काया सुबह सुहानी करती है।।
आहार विहार विचार सुन्दर करते,
मन फुलवारी महका करती है।।
मनु कहे मन के तामस को,
सूरज की किरणे दूर करती है।।
??मानक लाल मनु??