Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2022 · 1 min read

■ लघुकथा / विभीषण

■ लघुकथा / विभीषण
【प्रणय प्रभात】
त्रेता में “विभीषण”अपने कल्याण के लिए राम-दल में गया था। जिसे प्रभु की शरण तो मिली ही। बोनस में सिंहासन भी मिल गया। कलजुग में ऐसा नहीं हो पाया। लंका में मेघनाद का डंका बजने और भविष्य को लेकर शंका में पड़ा चाचा विभीषण पग-पग पर भद्द पिटने का रोना लेकर बाहर निकल आया। यह और बात है कि राजपाट का भरोसा तो दूर, एक अदद टिकट या पद तक नहीं मिला। चारा-विहीन बेचारे को घर और बाहर की दुनिया एक सी भीषण लगी। अंततः उसने यू-टर्न लेते हुए मेघनाद की ही शरण ले डाली। तब बाक़ी को भी समझ आ गया कि उस कलजुग में सब मुमकिन है, जहाँ लंका के बाहर भी मारीच और कालनेमियों की भीड़ मौजूद हो।

Language: Hindi
1 Like · 165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

भावना का कलश खूब
भावना का कलश खूब
surenderpal vaidya
आदर्श शिक्षक
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा
जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा
Ravikesh Jha
राष्ट्रवादहीनता
राष्ट्रवादहीनता
Rambali Mishra
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!
जगदीश लववंशी
कैक्टस
कैक्टस
Girija Arora
4025.💐 *पूर्णिका* 💐
4025.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रीत के गीत..
प्रीत के गीत..
Vivek Pandey
*हम नदी के दो किनारे*
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
मडमिंग (गोंडी विवाह) की संकल्पना
मडमिंग (गोंडी विवाह) की संकल्पना
GOVIND UIKEY
सत्य की पूजा होती है
सत्य की पूजा होती है
Ghanshyam Poddar
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
जहर    ना   इतना  घोलिए
जहर ना इतना घोलिए
Paras Nath Jha
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Nitesh Shah
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
कवि दीपक बवेजा
गीत प्यार के ही गाता रहूं ।
गीत प्यार के ही गाता रहूं ।
Rajesh vyas
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
यह कैसा प्यार
यह कैसा प्यार
Abasaheb Sarjerao Mhaske
जिनका अतीत नग्नता से भरपूर रहा हो, उन्हें वर्तमान की चादर सल
जिनका अतीत नग्नता से भरपूर रहा हो, उन्हें वर्तमान की चादर सल
*प्रणय*
अब हर राज़ से पर्दा उठाया जाएगा।
अब हर राज़ से पर्दा उठाया जाएगा।
Praveen Bhardwaj
सिपाही
सिपाही
Neeraj Agarwal
सुन्दरता
सुन्दरता
लक्ष्मी सिंह
ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
ज़िंदगी में इक हादसा भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
होकर उल्लू पर सवार।
होकर उल्लू पर सवार।
Pratibha Pandey
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
Sachin Mishra
अद्भुत मोदी
अद्भुत मोदी
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...