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29 Dec 2022 · 1 min read

■ बदलते रिवाज़…..

■ कटु अनुभव-
【प्रणय प्रभात】
पहले
“आमंत्रित” करने का
मतलब होता था,
सम्मान देना
औरों को।
अब होता है,
अपमानित करना
अपने आप को।

Language: Hindi
1 Like · 96 Views
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