■ प्रभात वन्दन
■ सुप्रभातम
“अहसासों को नरमी दें।
हर रिश्ते को गरमी ढें।।”
फिर चाहे वो जीवों से हो, इंसान से या भगवान से।
“जय शीत के श्रृंगार की।
जय हो युगल सरकार की।।”
【प्रणय प्रभात】
■ सुप्रभातम
“अहसासों को नरमी दें।
हर रिश्ते को गरमी ढें।।”
फिर चाहे वो जीवों से हो, इंसान से या भगवान से।
“जय शीत के श्रृंगार की।
जय हो युगल सरकार की।।”
【प्रणय प्रभात】