Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2022 · 3 min read

■ त्वरित टिप्पणी / बातों बातों में….

#प्रसंगवश
■ यह अच्छी बात नहीं बिग-बी!
【प्रणय प्रभात】
एक नियमित दर्शक तथा स्वाभाविक अन्वेषक के तौर पर मुझे हमेशा से एक अंदेशा रहा, कि केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) में कभी न कभी, किसी न किसी के साथ भेदभाव या पक्षपात ज़रूर किया जाता है। वो भी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय व चर्चित टीव्ही शो के होस्ट अमिताभ बच्चन के द्वारा, जिनकी छवि सामान्यतः एक भद्र-पुरुष व सदी के महानायक की है।
प्रसंग में है बीते 13 दिसम्बर (मंगलवार) की रात प्रसारित एपीसोड, जिसमे सुरभि त्रिपाठी नामक बालिका हॉट-सीट पर थी। कक्षा 04 की छात्रा व 09 वर्ष की सुरभि अपनी उम्र से कहीं आगे निकल कर शानदार प्रतिभा का परिचय दे रही थी। चारों लाइफ-लाइनों का उपयोग कर 12 लाख 50 हज़ार पॉइंट्स (रुपए) के लिए स्क्रीन पर आए बारहवें सवाल के बाद जो कुछ भी हुआ, वो बेहद अनुचित सा प्रतीत हुआ। जिसने मुझे व श्रीमती जी को एक हद तक व्यथित करने का काम किया और इस तरह के शोज़ में पक्षपात की आशंका यक़ीन में बदलती प्रतीत हुई। संभव है यह अनुभूति अन्य दर्शकों को भी हमारी तरह हुई हो।
सवाल आज़ादी की लड़ाई के दौरान “बाल चरखा संघ” और “वानर सेना'” की संस्थापक के नाम को लेकर था। चार विकल्पों में विजयलक्ष्मी पंडित, अरुणा आसिफ़ अली, कस्तूरबा गाँधी और इंदिरा गाँधी के नाम शामिल थे। वाकपटु सुरभि ने पूरी तार्किकता के साथ उत्तर देने की प्रक्रिया शुरू की। उसने चारों हस्तियों की उम्र के आधार पर सही दिशा में बढ़ने का स्पष्ट संकेत दिया। आरंभिक तीनों नामों को तर्क के साथ खारिज़ करने वाली सुरभि का ध्यान इंदिरा जी के नाम पर केंद्रित था। निस्संदेह वो अगले क्षण अपना जवाव लॉक कराने वाली थी। तभी वो हुआ, जो बिल्कुल अनापेक्षित व अप्रत्याशित था। सुरभि को अपनी बात पूरी करने का मौका देने के बजाय बच्चन साहब ने उसे भ्रमित और विचलित करने का काम अपनी प्रेरक छवि के विपरीत किया। उन्होंने एक नहीं बल्कि दो बार उसे ग़लत जवाब के नतीजे से आगाह कराने वाले अंदाज़ में अवगत कराना शुरू कर दिया। इस दोहरी चेतावनी के बाद दिशाभ्रमित बालिका ने खेल छोड़ने की मंशा प्रकट कर दी। जिसे बिग-बी ने यह जानते हुए भी तत्काल स्वीकार कर लिया कि वो सवाल के सही जवाब तक पहुँच गई थी।
सामान्यतः प्रतिभागी से वे क्विट करने की घोषणा के बाद उसके अंतिम निर्णय की पुष्टि करते हैं। यह प्रक्रिया भी सुरभि के मामले में नहीं अपनाई गई। इस हड़बड़ी और गड़बड़ी के पीछे कोई वजह थी या नहीं, कोई दावा नहीं किया जा सकता। तथापि ग़लत समय पर अनावश्यक हस्तक्षेप ने चौंकाने व हतप्रभ करने का काम ज़रूर किया। यह कोई पहला मामला नहीं है। इस तरह के भ्रमित या मदद करने के प्रयास तमाम बार कई प्रतिभागियों के साथ किए जाते रहे हैं। हो सकता है कि एक एंकर व होस्ट के तौर पर यह बच्चन साहब की भूमिका का एक हिस्सा हो।
बावजूद इसके एक मासूम बालिका की राह का रोड़ा बने इस प्रयास को किसी भी नज़रिए से वाजिब नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे में मन मसोस कर बस इतना ही कहा जा सकता है कि- ”बिग-बी! यह अच्छी बात नहीं। बस…!!

Language: Hindi
2 Likes · 228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...