■ जिसे देखो वो ही शायर
130 करोड़ की आबादी में दो तिहाई इसी प्रणाली से कवि, शायर, लेखक बन चुके हैं। बाक़ी अगले साल दो साल में बन जाएंगे। इंशा भगवान।।
#प्रणय_प्रभात
130 करोड़ की आबादी में दो तिहाई इसी प्रणाली से कवि, शायर, लेखक बन चुके हैं। बाक़ी अगले साल दो साल में बन जाएंगे। इंशा भगवान।।
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