Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2023 · 1 min read

■ कैसी कही…?

■ तस्वीर पर शेर-
【प्रणय प्रभात】
“वक़्त क्या खा के करेगा हैरां,
सोचिए अक़्लमंद लोगों को।
ज़िन्दगी के घुमाव भाते हैं,
हम जलेबी-पसंद लोगों को।।”

Language: Hindi
1 Like · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सच्चाई ~
सच्चाई ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
पूर्वार्थ
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
अमर क्रन्तिकारी भगत सिंह
कवि रमेशराज
सदा बेड़ा होता गर्क
सदा बेड़ा होता गर्क
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
Suryakant Dwivedi
प्यार है तो सब है
प्यार है तो सब है
Shekhar Chandra Mitra
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
हाइकु शतक (हाइकु संग्रह)
हाइकु शतक (हाइकु संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
"वैसा ही है"
Dr. Kishan tandon kranti
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
Sahil Ahmad
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
ruby kumari
नन्हीं बाल-कविताएँ
नन्हीं बाल-कविताएँ
Kanchan Khanna
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
राम आधार हैं
राम आधार हैं
Mamta Rani
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
"बेज़ारी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"जीवन अब तक हुआ
*Author प्रणय प्रभात*
आसमान में छाए बादल, हुई दिवस में रात।
आसमान में छाए बादल, हुई दिवस में रात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रहने भी दो यह हमसे मोहब्बत
रहने भी दो यह हमसे मोहब्बत
gurudeenverma198
నమో సూర్య దేవా
నమో సూర్య దేవా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
राखी है अनमोल बहना की ?
राखी है अनमोल बहना की ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विदाई
विदाई
Aman Sinha
Loading...