■ कविता / सैन्य शक्ति को सलाम
#सैन्य_शक्ति_को_सलाम
■ दुनिया ने देखी जांबाज़ी….!!
【प्रणय प्रभात】
धरती से अम्बर तक दी थी बैरी को मात सुनो।
बर्फ़ीली सर्दी को गरमाते कल की बात सुनो।
जब पाकी सेना ने डर कर अपना घुटना टेका।
जब सबसे बड़ा समर्पण सारी दुनिया ने देखा।
जब भारत के जांबाज गुँजाते दिखे विजय नारे।
जब मानवता के द्रोही महा शूरता से हारे।।
दो-फाड़ हुआ अन्यायी ख़ुद जग में उपहास बना।
वो तेरह दिन का महासमर ख़ुद में इतिहास बना।।
भारत की सेना के समक्ष नापाकों की पेशी।
पीड़ित पूरब में उदित हुआ सूरज बंग्लादेशी।।
इस गौरवशाली गाथा का अब स्वर्ण-वर्ष आया।
जनमानस में इस साल अनूठा महा हर्ष छाया।।
#भारत_माता_की_जय