■ कविता / मेरे नायक : अवधेश राम
#कविता
■ मेरे नायक : अवधेश राम
【प्रणय प्रभात】
कुल आठ याम
बस एक नाम
मम कर्म राम
मम धर्म राम
मम गेह राम
मम नेह राम
आभास राम
विश्वास राम
मम आस राम
उल्लास राम
हैं कोष राम
संतोष राम
परिहास राम
मृदु हास राम
संकल्प राम
आकल्प राम
शब्दार्थ राम
भावार्थ राम
परमार्थ राम
पुरुषार्थ राम
हैं अगन राम
हैं गगन राम
मम लगन राम
मन मगन राम
अभिराम राम
अविराम राम
निर्झरी नीर
शीतल समीर
मद्धिम फुहार
सुरभित बयार
अनछुई भोर
पावन हिलोर
है जप है तप
है महाविटप
है बुद्धि राम
है शुद्धि राम
मम हर्ष राम
उत्कर्ष राम
तापसी राम
राजसी राम
मनमोहन है
सम्मोहन है
संताप हरण
ये वशीकरण
हैं तात राम
हैं मात राम
हैं स्वाद राम
आह्लाद राम
हैं विकट राम
निष्कपट राम
आनन्द राम
मकरन्द राम
निष्काम राम
सुखधाम राम
कटिबद्ध राम
प्रतिबद्ध राम
मन्तव्य राम
गन्तव्य राम
हैं साध्य राम
आराध्य राम
है परम् तत्व
हैं महा सत्व
अनुपम सुवास
अद्भुत मिठास
हैं प्राण राम
कल्याण राम
कलरव किलोल
हीरक अमोल
परब्रह्म नाद
कलकल निनाद
हैं सुपथ राम
हैं शपथ राम
सामर्थ्य-वान
करुणा निधान
सर्वेश राम
अनिमेष राम
हैं भव्य राम
हैं दिव्य राम
मम दृष्टि राम
यह सृष्टि राम
स्वर शक्ति राम
नव भक्ति राम
इहलोक राम
परलोक राम
वो आदि अंत
वो दिग-दिगंत
अविरल धारा
तारण-हारा
नयनाभिराम
अवधेश राम
(विस्तार शेष है, शेष ही रहेगा)
🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹🙏🏼🌹