Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2022 · 1 min read

■ कविता / कहता. अगर बोल पाता तो….!

■ कहता. अगर बोल पाता तो….!
【प्रणय प्रभात】

बंद करो यह रोना-गाना,
घड़ियाली आँसू टपकाना।
बेमतलब का शोर मचाना,
जबरन का माहौल बनाना।

बंद करो फौरन लफ़्फ़ाज़ी,
बंद करो सब नाटकबाज़ी।
बेशर्मी की हद सी कर दी,
पास रखो झूठी
हमदर्दी।

जीते जी तो हाल न पूछा,
कितना रहा मलाल न पूछा।
ना होली दीवाली आए,
पड़ी आपदा तो कतराए।

बची-खुची मर्यादा तोड़ी,
मोबाइल पर बातें छोड़ी।
जीते-जी तो किया छलावा,
अब करते हो लोक-दिखावा।

जाओ जाकर जश्न मनाओ,
रोनी सूरत मत दिखलाओ।
स्वांग करो मत पीटो ताली,
जम कर कोसो दे लो गाली।

बे-मानी मिनटों का मातम,
मरे हुए को काहे का ग़म?
मिथ्या रिश्ते, थोथे नाते,
शर्म नहीं आती डकराते?

ज़िंदा दुआ सलाम को तरसा,
बाद मरे के अमृत बरसा।
वक़्त-ज़रूरत काम न आए,
इस दिन की थे आस लगाए?

मन से अर्थी सजा रहे हो,
बड़ी महारथ दिखा रहे हो।
दौड़-धूप की होड़ लगी है,
सोई थी संवेदना जगी है।

वजह मौत की पूछ रहे हो,
बे-मतलब में जूझ रहे हो।
कहाँ छुपा कट रख दी निंदा,
चैन दिया ना रहते ज़िंदा।

आसपास सब लोग वही हैं,
अब तारीफ़ें सूझ रही हैं।
बाहर झूठ परोस रहे हो,
अंदर-अंदर कोस रहे हो।

झूठमूठ में सिर मत फोड़ो,
सन्तप्तों का पीछा छोड़ो।
विवश न होता मूक न रहता,
नाटक-नौटंकी क्यों सहता?

खरी-खरी सौ बात सुनाता,
जी भर के कोहराम मचाता।
कहता जीभ खोल पाता तो,
मुर्दा अगर बोल पाता तो।।

■ प्रणय प्रभात ■
श्योपुर (मप्र)
8959493240

Language: Hindi
1 Like · 140 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Perceive Exams as a festival
Perceive Exams as a festival
Tushar Jagawat
Bhagwan sabki sunte hai...
Bhagwan sabki sunte hai...
Vandana maurya
पिता
पिता
Sanjay ' शून्य'
गुलाम
गुलाम
Punam Pande
दोहे- माँ है सकल जहान
दोहे- माँ है सकल जहान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
बीज
बीज
Dr.Priya Soni Khare
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
अजहर अली (An Explorer of Life)
सर-ए-बाजार पीते हो...
सर-ए-बाजार पीते हो...
आकाश महेशपुरी
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था
Mahender Singh
कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढ़ा तुमको
कहाँ-कहाँ नहीं ढूंढ़ा तुमको
Ranjana Verma
किस हक से जिंदा हुई
किस हक से जिंदा हुई
कवि दीपक बवेजा
"विचित्र संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
भीम षोडशी
भीम षोडशी
SHAILESH MOHAN
कुछ हाथ भी ना आया
कुछ हाथ भी ना आया
Dalveer Singh
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
उड़ चल रे परिंदे....
उड़ चल रे परिंदे....
जगदीश लववंशी
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
Phool gufran
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
Dr Manju Saini
जितना खुश होते है
जितना खुश होते है
Vishal babu (vishu)
" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
Aarti sirsat
-- अंतिम यात्रा --
-- अंतिम यात्रा --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
Ravi Prakash
■ बे-मन की बात।।
■ बे-मन की बात।।
*Author प्रणय प्रभात*
" जलचर प्राणी "
Dr Meenu Poonia
Hajipur
Hajipur
Hajipur
शिक्षार्थी को एक संदेश🕊️🙏
शिक्षार्थी को एक संदेश🕊️🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
Loading...