Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#18 Trending Author
*प्रणय*
68 Followers
Follow
Report this post
7 Dec 2022 · 1 min read
■ एक दोहा
किसी को दिन-रात पानी पी-पी कर कोसने वालों की सोच के विरुद्ध।
Language:
Hindi
Like
Share
1 Like
· 371 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like these posts
मजबूत बंधन
Chitra Bisht
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
शेखर सिंह
हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
नयी - नयी लत लगी है तेरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
चंदा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
सामाजिक बेचैनी का नाम है--'तेवरी' + अरुण लहरी
कवि रमेशराज
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
शिक्षक
SURYA PRAKASH SHARMA
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
नफरती दानी / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
आकर्षण
Ritu Asooja
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
हर तरफ़ हैं चेहरे जिन पर लिखा है यूँ ही,
पूर्वार्थ
वक्त
Astuti Kumari
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
चौपाई छंद गीत
seema sharma
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
🥀 *✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
आकाश महेशपुरी
તે છે સફળતા
Otteri Selvakumar
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
shabina. Naaz
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
4946.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■चंदे का धंधा■
*प्रणय*
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
प्रसन्नता
Rambali Mishra
इंतज़ार एक दस्तक की।
Manisha Manjari
Loading...