Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Dec 2022 · 1 min read

ਹਕੀਕਤ ਵਿੱਚ

ਕੌਣ ਸਾਥ ਦਿੰਦਾ ਏ ,ਸੋਚ ਹਕੀਕਤ ਵਿਚ
ਕੌਣ ਨਾਲ ਖੜ੍ਹਦਾ ਏ,ਸੋਚ ਮੁਸੀਬਤ ਵਿੱਚ।

ਪੈਸਾ ਧੇਲਾ ਵੇਖ ਕੇ ,ਸਭ ਨਿਭਾਉਣ ਰਿਸ਼ਤੇ
ਹਰ ਕੌਈ ਬੂਹਾ ਢੋ ਲੈਂਦਾ ਏ,ਗ਼ੁਰਬਤ ਵਿਚ।

ਕੋਈਓ ਸਾਂਭੇ ਹੁਣ ,ਬਿਰਧ ਹੋਏ ਮਾਂ ਬਾਪੂ ਨੂੰ
ਕੀਹਨੇ ਲਿਖਵਾਈ ਸੇਵਾ ,ਦੇਖੋ ਕਿਸਮਤ ਵਿੱਚ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ

Language: Punjabi
1 Like · 311 Views
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

"सुनो तो सही"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तेरा दिल
एक तेरा दिल
Lekh Raj Chauhan
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
Ravikesh Jha
सून गनेशा
सून गनेशा
Shinde Poonam
माहौल
माहौल
Dr.Archannaa Mishraa
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
चुनाव और नेता
चुनाव और नेता
Dr Archana Gupta
जीवन में सफलता छोटी हो या बड़ी
जीवन में सफलता छोटी हो या बड़ी
Dr.Rashmi Mishra
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
आओ कभी स्वप्न में मेरे ,मां मैं दर्शन कर लूं तेरे।।
SATPAL CHAUHAN
*चार भाई*
*चार भाई*
Dushyant Kumar
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
भजन -आया श्याम बुलावा- अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
टूट गया हूं शीशे सा,
टूट गया हूं शीशे सा,
Umender kumar
आज़ादी की शर्त
आज़ादी की शर्त
Dr. Rajeev Jain
उमड़ते जज्बातों में,
उमड़ते जज्बातों में,
Niharika Verma
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
*आज के दौर
*आज के दौर
*प्रणय*
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है
माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है
डी. के. निवातिया
क्या कभी ऐसा हुआ है?
क्या कभी ऐसा हुआ है?
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बचपन बनाम पचपन
बचपन बनाम पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
संतोष विद्यार्थी जी के जन्मदिन पर
संतोष विद्यार्थी जी के जन्मदिन पर
Sudhir srivastava
सपना
सपना
अवध किशोर 'अवधू'
कटेगी हर पीड़ा यूँ ही ..
कटेगी हर पीड़ा यूँ ही ..
Buddha Prakash
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
Ashok deep
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
दोस्ती अपनेपन का अहसास
दोस्ती अपनेपन का अहसास
Rekha khichi
2883.*पूर्णिका*
2883.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...