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28 Dec 2022 · 1 min read

ਵਾਲਾ ਕਰਕੇ ਮੁਕਰਨ ਵਾਲੇ

ਵਾਦਾ ਕਰਕੇ ਮੁਕਰਨ ਵਾਲੇ ਜਿਊਂਦੇ ਰਹਿਣ।
ਸਾਡੇ ਵਰਗੇ ਬਸ ਫੱਟ ਆਪਣੇ ਸਿਊਂਦੇ ਰਹਿਣ।

ਕੋਈ ਕਿਸੇ ਦਾ ਨਹੀਂ ਬਣਦਾ ਏ, ਅੱਜਕਲ ਇੱਥੇ
ਭੌਰ ਬਣ ਉੱਡ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ,ਦਰਦੀ ਪਤਾ ਨਹੀਂ ਕਿੱਥੇ।

ਨਵਿਆਂ ਸੰਗ ਲਾ ਯਾਰੀਆਂ,ਭੁੱਲ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਪੁਰਾਣੇ
ਬਿਨ ਹੰਝੂ ਰੋਵਣ ਅੱਖੀਆਂ,ਕੌਣ ਦਿਲਾਂ ਦੀ ਜਾਣੇ।

ਮਿੰਨਤਾਂ ਲੱਖ ਕਰਕੇ ਵੇਖੋ, ਕੋਈ ਨਾ ਮੁੜ ਆਵੇ
ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਕਦ ਰਹਿੰਦੇ, ਕੋਈ ਲੱਖ ਸਮਝਾਵੇ।

ਵੱਸਦੇ ਹੋ ਦਿਲਾਂ ਦੇ ਅੰਦਰ,ਕੱਢ ਕਦੇ ਨਾ ਹੁੰਦੇ
ਭਾਵੇਂ ਹਰ ਵੇਲੇ ਉਹ,ਨਵੇਂ ਸੱਲ ਉਹ ਦਿੰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੋਰ

Language: Punjabi
237 Views
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