भटका दिया जिंदगी ने मुझे
भटका दिया है जिंदगी ने मुझे।
मार डाला इस बेबसी ने मुझे।
बहुत संभल कर चला हूं मैं चाहे
हर मोड़ पे छला बेकसी ने मुझे।
जिंदगी ने मुझे मायूस ही रखा ।
हर दम मैंने ग़म को ही चखा ।
आज सोच कर पशेमां हूं मैं
जिंदगी के मुझे कहीं का न रखा।
सुरिंदर कौर