Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 1 min read

ভাল পাওঁ

ভাল পাওঁ
ভাল পাওঁ
ভাল পাওঁ ভাল পাওঁ ভাল পাওঁ
বহুত বহুত ভাল পাওঁ
বহুত বহুত বহুত ভাল পাওঁ
হে শিৱ, মই তোমাক ভাল পাওঁ
হে শিৱ, মই তোমাক বহুত বহুত ভাল পাওঁ।

Arghyadeep Chakraborty
29/10/2024

Language: Assamese
46 Views

You may also like these posts

"टूटने के लिए कुछ होना भी तो चाहिए। फिर चाहे वो आस हो, विश्व
*प्रणय*
"इमली"
Dr. Kishan tandon kranti
कर बैठा गठजोड़
कर बैठा गठजोड़
RAMESH SHARMA
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
ruby kumari
*बसंत*
*बसंत*
Shashank Mishra
न्याय निलामी घर में रक्खा है
न्याय निलामी घर में रक्खा है
Harinarayan Tanha
एक  दोस्त  ही  होते हैं
एक दोस्त ही होते हैं
Sonam Puneet Dubey
तोहर स्नेह
तोहर स्नेह
श्रीहर्ष आचार्य
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
मजा मुस्कुराने का लेते वही...
Sunil Suman
आंसू
आंसू
Uttirna Dhar
तेरी बेवफाई भी कबूल।
तेरी बेवफाई भी कबूल।
Rj Anand Prajapati
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
Jyoti Khari
मुद्रा नियमित शिक्षण
मुद्रा नियमित शिक्षण
AJAY AMITABH SUMAN
कोई काम हो तो बताना
कोई काम हो तो बताना
Shekhar Chandra Mitra
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
हालातों से हारकर दर्द को लब्ज़ो की जुबां दी हैं मैंने।
अजहर अली (An Explorer of Life)
4504.*पूर्णिका*
4504.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब तो जाग जाओ। ~ रविकेश झा
अब तो जाग जाओ। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
*तेरे इंतज़ार में*
*तेरे इंतज़ार में*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*चक्की चलती थी कभी, घर-घर में अविराम (कुंडलिया)*
*चक्की चलती थी कभी, घर-घर में अविराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नास्तिक किसे कहते हैं...
नास्तिक किसे कहते हैं...
ओंकार मिश्र
शिक्षक हमारे देश के
शिक्षक हमारे देश के
Bhaurao Mahant
शादी और साली
शादी और साली
ललकार भारद्वाज
प्रत्येक मनुष्य के  जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
पूर्वार्थ
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
मैं अकेला नही हूँ ।
मैं अकेला नही हूँ ।
Ashwini sharma
अंतस  सूरत  आपरी, अवळूं घणीह आय।
अंतस सूरत आपरी, अवळूं घणीह आय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दौर चिट्ठियों का बहुत ही अच्छा था
दौर चिट्ठियों का बहुत ही अच्छा था
Rekha khichi
Loading...