Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

তোমাকে ভালোবাসে

তোমাকে ভালোবাসতে গিয়ে আমি ভালোবেসেছি নদীকে
ভালোবেসেছি স্থবির, শান্ত স্নিগ্ধ ঐ পাহাড়কে।
ভালোবেসেছি বহুবর্ষজীবী বৃক্ষকে।
তোমাকে ভালোবাসতে গিয়ে গোটা আকাশ,
সমগ্র পৃথিবীকে ভালোবেসেছি।
তোমাকে ভালোবোসতে গিয়ে আমি ভালোবেসেছি
রুক্ষ বন, তপ্ত মরুভূমি, দুর্গম উপত্যকা
মহাদেশ আর মহাসাগরকে।
ভালোবেসেছি নীহারিকা আর ছায়াপথকে।
তোমায় ভালোবাসতে গিয়ে জেনেছি,
একজন নারীকে ভালোবাসতে হলে ভালোবাসতে হয়
নদী, পাহাড়, গাছ, গোটা পৃথিবী
আর সমগ্র মহাবিশ্বকে।

170 Views

You may also like these posts

कुहुक कुहुक
कुहुक कुहुक
Akash Agam
नारी का जीवन
नारी का जीवन
Uttirna Dhar
रंग जाओ
रंग जाओ
Raju Gajbhiye
पहला प्यार
पहला प्यार
Dipak Kumar "Girja"
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
विश्व कप-2023 का सबसे लंबा छक्का किसने मारा?
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
উত্তর তুমি ভালো জানো আল্লা
উত্তর তুমি ভালো জানো আল্লা
Arghyadeep Chakraborty
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
Ranjeet kumar patre
मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
शेखर सिंह
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में  मिलेगा
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में मिलेगा
Shweta Soni
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
Sonam Puneet Dubey
#कमसिन उम्र
#कमसिन उम्र
Radheshyam Khatik
मां के शब्द चित्र
मां के शब्द चित्र
Suryakant Dwivedi
किसान कविता
किसान कविता
OM PRAKASH MEENA
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
इश्क़ जब बेहिसाब होता है
SHAMA PARVEEN
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
Dr Archana Gupta
यह ज़िंदगी
यह ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
😢सीधी बात😢
😢सीधी बात😢
*प्रणय*
मंजिल की तलाश जारी है कब तक मुझसे बचकर चलेगी तू ।
मंजिल की तलाश जारी है कब तक मुझसे बचकर चलेगी तू ।
Phool gufran
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बनी बनाई धाक
बनी बनाई धाक
RAMESH SHARMA
" रतजगा "
Dr. Kishan tandon kranti
क्या सही क्या गलत
क्या सही क्या गलत
Chitra Bisht
पार्टी-साटी का यह युग है...
पार्टी-साटी का यह युग है...
Ajit Kumar "Karn"
हमें खतावार कह दिया है।
हमें खतावार कह दिया है।
Taj Mohammad
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
रिश्तों की सच्चाई
रिश्तों की सच्चाई"
पूर्वार्थ
#पश्चाताप !
#पश्चाताप !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...