ज़िन्दगी हैं छोटी, लेक़िन हर पल में ख़ुश हूँ।
“जिंदगी है छोटी,” हर पल में खुश हूं
“काम में खुश हूं,” आराम में खुश हू
“आज पनीर नहीं,” दाल में ही खुश हूं
“आज गाड़ी नहीं,” पैदल ही खुश हूं
“दोस्तों का साथ नहीं,” अकेला ही
खुश हूं
“आज कोई नाराज है,” उसके इस अंदाज
से ही खुश हूं
“जिस को देख नहीं सकता,” उसकी
आवाज से ही खुश हूं
“जिसको पा नहीं सकता,” उसको
सोच कर ही खुश हूं
“बीता हुआ कल जा चुका है,” उसकी
मीठी याद में ही खुश हूं
“आने वाले कल का पता नहीं,” इंतजार में
ही खुश हूं
“हंसता हुआ बीत रहा है पल,” आज में ही
खुश हूं
“जिंदगी है छोटी,” हर पल में खुश हूं।।