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18 Mar 2022 · 1 min read

ज़िन्दगी के विभिन्न रंग

दुखों के हैं कहीं काँटे कहीं खुशियों की फुलवारी
न जाने कितने रंगों से रँगी जीवन की है क्यारी

अगर है प्यार हर दिल में तो नफरत की जगह भी है
मिलन के हैं अगर कारण, लड़ाई की वजह भी है
कभी उड़ता गगन में दिल कभी रुकने की लाचारी
न जाने कितने रंगों से रँगी जीवन की है क्यारी

गरीबी है बड़ी श्यामल अमीरी रँग भरी कितनी
हँसी उतनी खिले गहरी, मिली हो यातना जितनी
निभानी सबको होती है मगर हालात से यारी
न जाने कितने रंगों से रँगी जीवन की है क्यारी

मिला हमको अगर धोखा तो पाया भी भरोसा है
लिया है स्वाद उस सबका समय ने जो परोसा है
यहाँ पर धूप छाया की नियत चलती रहे पारी
न जाने कितने रंगों से रँगी जीवन की है क्यारी

हृदय में दोस्ती के फूल कुछ ऐसे महकते हैं
कभी दे छाँव ये शीतल, कभी पल में दहकते हैं
कहीं नादानियाँ दिखती कहीं पाते समझदारी
न जाने कितने रंगों से रँगी जीवन की है क्यारी

हमारे देश में धर्मों के अद्भुत रंग खिलते हैं
यहाँ त्यौहार जब आते गले आपस में मिलते हैं
हमारी एकता के रंग की खुशबू बहुत प्यारी
न जाने कितने रंगों से रँगी जीवन की है क्यारी

17-03-2022
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 6 Comments · 702 Views
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