ज़िंदगी की बहार हो तुम तो
ज़िंदगी की बहार हो तुम तो
मेरे दिल का क़रार हो तुम तो
हम भी कुछ बेक़रार हैं माना
पर बहुत बेक़रार हो तुम तो
दुश्मनों पर किया है ज़ाहिर क्यों
कहने को राज़दार हो तुम तो
क्यों पड़े ज़र्द वक़्त से पहले
रुत में फस्ले-बहार हो तुम तो
हम पे क्यों वार बैठे दिल अपना
हाय! क्या होशियार हो तुम तो