Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2021 · 1 min read

$ग़ज़ल

32/ बहरे हज़ज़ मुसम्मन सालिम

मुफ़ाईलुन×4
1222/1222/1222/1222

हज़ारों ग़म मिलेंगे इस ज़माने में रुलाने को
नहीं डरना बनो क़ाबिल इन्हें ख़ुद ही हराने को/1

नदी सागर बने पर्वत सभी अपनी सदाक़त से
खिले हैं फूल शूलों में मुहब्बत से हँसाने को/2

शिकायत ग़ैर से कैसी कमी ख़ुद की तलाशो तुम
सजाकर सुर सुनाओ ज़िंदगी के इस तराने को

निगाहें पाक रखना तुम मिलाओ प्यार में जिससे
असर दिल का दिखाती हैं तुम्हारा ये ज़माने को/4

तिज़ारत छोड़ दे प्यारे मुहब्बत के सफ़र में तू
उजाड़े ये खिले गुलशन से महके हर घराने को/5

मिटा दें फासले अब हम दिलों से ये ज़रूरत है
मुहब्बत से ज़ुदा होते यहाँ आँगन बचाने को/6

तुम्हारे साथ से प्रीतम मेरा जीवन सुहाना है
लगाए चार तुमने चाँद मिल मेरे फ़साने को/7

#आर.एस. ‘प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित ग़ज़ल

2 Comments · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
" तेरा एहसान "
Dr Meenu Poonia
मानवता की बलिवेदी पर सत्य नहीं झुकता है यारों
मानवता की बलिवेदी पर सत्य नहीं झुकता है यारों
प्रेमदास वसु सुरेखा
"सुहागन की अर्थी"
Ekta chitrangini
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
*धन्यवाद*
*धन्यवाद*
Shashi kala vyas
* सताना नहीं *
* सताना नहीं *
surenderpal vaidya
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
समय की चाल समझ मेरे भाय ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जीवन मे कुछ निर्णय
जीवन मे कुछ निर्णय
*Author प्रणय प्रभात*
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
गीत..
गीत..
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
काव्य में विचार और ऊर्जा
काव्य में विचार और ऊर्जा
कवि रमेशराज
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
दिल के हर
दिल के हर
Dr fauzia Naseem shad
बिटिया और धरती
बिटिया और धरती
Surinder blackpen
सच बोलने की हिम्मत
सच बोलने की हिम्मत
Shekhar Chandra Mitra
गजल
गजल
Vijay kumar Pandey
Where is love?
Where is love?
Otteri Selvakumar
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
मुझे प्रीत है वतन से,
मुझे प्रीत है वतन से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐अज्ञात के प्रति-113💐
💐अज्ञात के प्रति-113💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
(11) मैं प्रपात महा जल का !
(11) मैं प्रपात महा जल का !
Kishore Nigam
3082.*पूर्णिका*
3082.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*गोल- गोल*
*गोल- गोल*
Dushyant Kumar
*नदी नहीं है केवल गंगा, देवलोक का गान है (गीत)*
*नदी नहीं है केवल गंगा, देवलोक का गान है (गीत)*
Ravi Prakash
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...