Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2021 · 1 min read

$ग़ज़ल

#ग़ज़ल
पीर का सागर हमारा दिल हुआ
क़ैद में जो हर मिला साहिल हुआ/१

तेज़ इतनी हो गई हैं आँधियाँ
झोंपड़ों का हर लम्हा क़ातिल हुआ/२

प्यार की बातें कहीं खो गई हैं
शह्र में दिल अब कहीं शामिल हुआ/३

घर बचेगा या छिनेगी ये ज़मीं
रोग से पीड़ित कहीं दाख़िल हुआ/४

चोट अपनों ने तुम्हें दी है यहाँ
दिल तभी तो आपका ग़ाफिल हुआ/५

ठोकरों से जीत आई ज़िंदगी
शौक़ काहिल हर हसीं मंज़िल हुआ/६

यार ‘प्रीतम’ छल नहीं कर दोस्ती
सब कहें बंदा बड़ा मानिल हुआ/७

#आर.एस. ‘प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित ग़ज़ल

1 Like · 4 Comments · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
#हृदय_दिवस_पर
#हृदय_दिवस_पर
*Author प्रणय प्रभात*
चाहता हूं
चाहता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
prAstya...💐
prAstya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Dear me
Dear me
पूर्वार्थ
मैं और तुम-कविता
मैं और तुम-कविता
Shyam Pandey
हंसते ज़ख्म
हंसते ज़ख्म
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
शाबाश चंद्रयान-३
शाबाश चंद्रयान-३
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
लोकतंत्र
लोकतंत्र
Sandeep Pande
पात उगेंगे पुनः नये,
पात उगेंगे पुनः नये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सपना देखना अच्छी बात है।
सपना देखना अच्छी बात है।
Paras Nath Jha
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
सुख दुख जीवन के चक्र हैं
ruby kumari
★अनमोल बादल की कहानी★
★अनमोल बादल की कहानी★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
हे परम पिता !
हे परम पिता !
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
सत्य कुमार प्रेमी
*जग से जाने वालों का धन, धरा यहीं रह जाता है (हिंदी गजल)*
*जग से जाने वालों का धन, धरा यहीं रह जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कविता
कविता
Rambali Mishra
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सुर्खियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
Ram Krishan Rastogi
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
#शर्माजी के शब्द
#शर्माजी के शब्द
pravin sharma
🌺प्रेम कौतुक-196🌺
🌺प्रेम कौतुक-196🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...