Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Aug 2021 · 1 min read

$ग़ज़ल

बहरे मुतदारिक मुसद्दस सालिम
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212/212/212

ज़िंदगी तब हँसाने लगी
जब समझ ख़ूब आने लगी//1

पाँव में शूल जब भी चुभा
फूल की याद छाने लगी//2

आपको देखकर यूँ लगा
ज़िंदगी गुनगुनाने लगी//3

हसरतें हो गई हैं जवां
आरज़ू गुल खिलाने लगी//4

हौसलों का सफ़र अब लगे
रूह आशा जगाने लगी//5

बात में वज़्न पैदा हुआ
जब ग़ज़ल प्रीत भाने लगी//6

रोशनी हो गई उस जगह
मुख जहाँ वो दिखाने लगी//7

गुम हुआ शौक़ में मैं कभी
हर घड़ी मुस्क़राने लगी//8

देख ‘प्रीतम’ ज़रा प्यार से
क्यों नज़र आज़माने लगी?//9

#आर.एस. ‘प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित ग़ज़ल

2 Likes · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
सापटी
सापटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
gurudeenverma198
मुश्किल है कितना
मुश्किल है कितना
Swami Ganganiya
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
नई शुरावत नई कहानियां बन जाएगी
पूर्वार्थ
मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है
मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
*कभी तो खुली किताब सी हो जिंदगी*
Shashi kala vyas
निभा गये चाणक्य सा,
निभा गये चाणक्य सा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्रेम में कृष्ण का और कृष्ण से प्रेम का अपना अलग ही आनन्द है
प्रेम में कृष्ण का और कृष्ण से प्रेम का अपना अलग ही आनन्द है
Anand Kumar
2612.पूर्णिका
2612.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
Harminder Kaur
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
कुछ लोग हेलमेट उतारे बिना
कुछ लोग हेलमेट उतारे बिना
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी है खाली गागर देख लो।
जिंदगी है खाली गागर देख लो।
सत्य कुमार प्रेमी
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
मजदूरों के साथ
मजदूरों के साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
आजादी की कहानी
आजादी की कहानी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"प्यार का रोग"
Pushpraj Anant
💐अज्ञात के प्रति-133💐
💐अज्ञात के प्रति-133💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ऐसी विकट परिस्थिति,
ऐसी विकट परिस्थिति,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"हमदर्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
समय बहुत है,
समय बहुत है,
Parvat Singh Rajput
शिष्टाचार
शिष्टाचार
लक्ष्मी सिंह
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
Chandra Kanta Shaw
Loading...