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20 Aug 2018 · 1 min read

ग़ज़ल

रात गहराये डरो मत
हौसले छोड़ा करो मत।
दर्द जितना भी रुलाए
सिसकियां प्यारे भरो मत।
लोग जलते हों बला से
आप पर जल के मरो मत।
दिल रहा नाज़ुक हमेशा
बोझ इस पर तुम धरो मत।
चैन दिल का है ज़रूरी
अवध इसको तुम हरो मत।

1 Like · 1 Comment · 421 Views
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