मुहब्बत बा जरूरी
मुहब्बत बा जरूरी
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जिये खातिर ई सूरत बा जरूरी
न दिल तूरऽ मुहब्बत बा जरूरी
हवे ई राह सचहूँ काँट जइसन
मगर ये प्यार के लत बा जरूरी
न लामें जा सनम अब रूठ के तू
सुनऽ जिनिगी में जन्नत बा जरूरी
बिछड़ला के मिले कारन हजारों
मिले खातिर तऽ किस्मत बा जरूरी
परख खातिर के बाटे खास आपन
घड़ी भर के मुसीबत बा जरूरी
करे मन आज देखीं खूब तहके
तनी दे दऽ इजाजत बा जरूरी
रही तड़पन मिली हमके मुहब्बत
मगर ‘आकाश’ शिद्दत बा जरूरी
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- १०/०७/२०२१