ख़ुदा भी आसमां से ………..
किस्मत भी कितनी अजीब है
कोई घरवाली पाकर रो रहा है
तो कोई घरवाली खोकर रो रहा है
कोई घर लाकर रो रहा है
तो कोई घर लाने के लिए रो रहा है
कोई
मजबूरी में इस बोझ को ढो रहा है
और
इस चक्कर में अपना आपा खो रहा है
क्या चक्कर है बीबी का
भगवान भी जिसे बना कर सो रहा है
आदमी जिसे
देख देख कर बेतहासा रो रहा है
उसे समझ नही आ रहा
ये क्या हो रहा है
ख़ुदा भी आसमां से
जब जमीं पर देखता होगा
इस बीबी रूपी प्राणी को बनाकर
सोचता होगा ।।
?मधुप बैरागी