ख़ारे धारे …
ख़ारे धारे …
कुछ गिले हमारे हैं और कुछ गिले तुम्हारे हैं l
…दिलों के इस खेल में हम दोनों ही दिल हारे हैं l
…….दोनों ही अब तन्हा हैं,दोनों ही वक्त के मारे हैं –
…………प्यार की सौगात फकत आँखों के ख़ारे धारे हैं l
सुशील सरना
ख़ारे धारे …
कुछ गिले हमारे हैं और कुछ गिले तुम्हारे हैं l
…दिलों के इस खेल में हम दोनों ही दिल हारे हैं l
…….दोनों ही अब तन्हा हैं,दोनों ही वक्त के मारे हैं –
…………प्यार की सौगात फकत आँखों के ख़ारे धारे हैं l
सुशील सरना