हौसला
हार गया, पर वो हारा नहीं,
जीत कि जिद अभी जारी है।
असफलता भी टिकी नहीं,
उम्मीदों की किरण जारी है।।
गिर गया, पर वो गिरा नहीं,
संभला है, होश अभी जारी है।
ठहरा है वो अभी रूका नहीं,
इस हाल भी चलना जारी है।।
क्या मंजिल कदम चूमती नहीं,
कदमों की ज़िद जब जारी है।
छू न सके, क्या आसमां नहीं,
हौसलों, तेरी उड़ान जारी है ।।
अंधकार से वह भागा नहीं,
दीप जला यह जंग जारी है।
मिलने को सफलता दूर नहीं,
जीत कि जिद अभी जारी है।।
हार गया पर हारा नहीं——
(रचनाकार कवि:-डॉ शिव लहरी)