#=#=# हौसला जिन्दगी का #=#=#
दुख की घड़ी में तो
आंसू भी आंखों का साथ नहीं देते।
मुश्किल वक्त हो तो
अपने भी बढ़ कर हाथ नहीं देते।
जब इतना समझते हो तो
न दुख में आंसू अंखियों में लाना।
और मुश्किलों आएं भी तो
किसी के आगे न हाथ बढ़ाना।
दुख में आंसू हैं बैरी
दुख में कोई न साथी।
तकलीफों के बीहड़ को
खुद ही पार करके है दिखाना।
दिखा दो दुनिया को
कि ठोकर में है जमाना।
—-रंजना माथुर दिनांक 21/08/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
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