Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2022 · 1 min read

हो साहित्यिक गूँज का, कुछ ऐसा आगाज़

हो साहित्यिक गूँज का, कुछ ऐसा आगाज़
जैसे सुर अरु ताल का, होता इक अंदाज़
होता इक अंदाज, उतर जाता है दिल में
और बढ़ाकर शान, चहकता है महफ़िल में
कहे ‘अर्चना’ बात, मिले आनन्द सात्विक
होता लेखन उच्च, सोच जब हो साहित्यिक
24-11-2022
डॉ अर्चना गुप्ता

3 Likes · 4 Comments · 238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
पति
पति
लक्ष्मी सिंह
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
मै हिन्दी का शब्द हूं, तू गणित का सवाल प्रिये.
Vishal babu (vishu)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे (लुगया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
Vindhya Prakash Mishra
आई दिवाली कोरोना में
आई दिवाली कोरोना में
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बगावत का बिगुल
बगावत का बिगुल
Shekhar Chandra Mitra
रोटी रूदन
रोटी रूदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
💐प्रेम कौतुक-403💐
💐प्रेम कौतुक-403💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
Ravi Prakash
कूल नानी
कूल नानी
Neelam Sharma
आँखें
आँखें
Neeraj Agarwal
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
चंचल पंक्तियाँ
चंचल पंक्तियाँ
Saransh Singh 'Priyam'
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
आज का इंसान ज्ञान से शिक्षित से पर व्यवहार और सामजिक साक्षरत
आज का इंसान ज्ञान से शिक्षित से पर व्यवहार और सामजिक साक्षरत
पूर्वार्थ
मुझे सोते हुए जगते हुए
मुझे सोते हुए जगते हुए
*Author प्रणय प्रभात*
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
3115.*पूर्णिका*
3115.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महसूस खुद को
महसूस खुद को
Dr fauzia Naseem shad
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
खूबियाँ और खामियाँ सभी में होती हैं, पर अगर किसी को आपकी खूब
Manisha Manjari
मां के आँचल में
मां के आँचल में
Satish Srijan
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
“ अपनों में सब मस्त हैं ”
DrLakshman Jha Parimal
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
माँ दुर्गा की नारी शक्ति
कवि रमेशराज
तू रुक ना पायेगा ।
तू रुक ना पायेगा ।
Buddha Prakash
Loading...